Iran: ईरान ने महज २४ जून से ९ जुलाई २०२५ तक की अवधि में करीब ५ लाख अफगान नागरिकों को अपने देश से बाहर निकाल दिया। दिनाना औसतन यह आंकड़ा ३०,००० से ऊपर रहा ()।
➤ इस कदम के पीछे कारण
- इजराइल के साथ हालिया १२‑दिवसीय संघर्ष के बाद सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला दिया गया।
- ईरानी सरकार का तर्क है कि कई अफगान नागरिकों को इजराइल के पक्ष में जासूसी करने का संदेह है।
- सरकार द्वारा यह घोषणा पहले ही की गई थी कि ६ जुलाई तक अघोषित प्रवासियों को देश छोड़ना होगा, अन्यथा उन्हें जबरन निकाला जाएगा ()।
➤ आगे क्या हुआ?
जैसे-जैसे सीमा रेखा पर लोगों का दबाव बढ़ा, अंतरराष्ट्रीय संगठन जैसे IOM और UNHCR ने यह बताया कि यह आधुनिक समय की सबसे तेज़ मानव विस्थापन घटनाओं में से एक हो सकती है ()।
➤ मानवीय पहलू:
- लोगों को सीमावर्ती क्षेत्रों में भोजन, पानी और आश्रय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझना पड़ा।
- कुछ मामलों में, स्थानीय प्रशासन की सहायता उपलब्ध हुई लेकिन वह पर्याप्त नहीं थी ()।
➤ निष्कर्ष:
यह घटनाक्रम न केवल ईरान के अल्पसंख्यक नीति में बदलाव को दर्शाता है, बल्कि अफगानिस्तान में महिलाएँ और प्रवासी समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों को भी उजागर करता है।